वर्तमान में 300 बाल भिक्षुक परिवारों का भरण पोषण और शिक्षा दीक्षा का खर्च बिना सरकारी सहयोग के अपने बल बुते पर उठा रही है,25 लावारिश विक्षिप्त लोगों को ज़िंदगो देकर उनको जीना सीखा दिया।लोगों को इंसानियत बचाने के लिए जागरूक करना, उनके घरों में बर्बाद होते पुराने ,जुटे चप्पल, कपड़े, अन्य शिक्षण सामग्री को जरूरतमंदों तक ले जाने का प्रयास,समाज को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाना, कभाड़ बीनने ,नशा करने वाले ,श्रम करने वालेबच्चों को, चिन्हित कर,उनको, शिक्षा और समाज की मुख्य धारा से जोड़ना, उनके लिए शिक्षण सामग्री का ििइंतज़ाम करना, उनके लिए शिक्षा सेंटर की व्यवस्था करना,हर रोज़ सड़कों से उठाकर कटोरा छीनना,उनके माता पिता को समझाना, उनको प्रेरित करने वाली स्टोरी के माध्यम से जागरूक करना, नशे करने वाले बच्चों का इलाज कर,उनको ज़िन्दगी देना, वर्तमान में बच्चे स्कूल जाने लगे हैं,जिससे समाज में बाल भिक्षा व्रत्ति खत्म होती जा रही है, आने वाले समय में उत्तराखंड ही नहीं समूचे भारत वर्ष में बाल भिक्षा करती बंद कराने का प्रयास जारी रहेगा,जिससे बेटी बचाओ बेटी बचाओ और बचपन बचाओ अभियान को सफलता मिल सके ऐसा हमारा लक्ष्य है।जो सम्पूर्ण मानव जाति को ,वंचित बच्चों को ज़िंदगो देने के लिए प्रेरित करेगा।