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Bihar


Name

Radha Shailendra


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Writer


Education

Eco(hons),L.L.B


City

Bhagalpur


State

Bihar


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Status

Participation Completed

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I'm Radha Shailendra




परिचय
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1- नाम- राधा शैलेन्द्र
2- पति का नाम:शैलेन्द्र कुमार
3- स्थाई पता :विक्रमशिला कॉलोनी,(डॉक्टर जे पी सिन्हा निवास के सामने ) तिलकामांझी, भागलपुर 812001, बिहार
4- फोन नं.: 8292815781
5- जन्म तिथि :16 जुलाई
6- शिक्षा:अर्थशास्त्र प्रतिष्ठा,एल.एल.बी
7- व्यवसाय: एडवोकेट
8- प्रकाशित रचनाओं की संख्या: अनगिनत,विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में और शोशल मीडिया पर प्रकाशित और आकाशवाणी भागलपुर से प्रसारण।
9- प्रकाशित पुस्तकों की संख्या :3
(1) आईना
(2) भीड़ के चेहरे
(3) फिर भी....
10- सम्मान का विवरण :
१)शताब्दी महादेवी वर्मा राष्ट्रीय सम्मान
२)अंग भूषण सम्मान
३)डॉक्टर अम्बेडकर सम्मान,दिल्ली
४)भगवान बुद्ध राष्ट्रीय सम्मान,मैसूर
५)श्रेष्ट साहित्य साधना सम्मान,अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन,पटना
६)शताब्दी सम्मान श्री रवि शंकर प्रसाद,केंद्रीय मंत्री द्वारा
७)वीरांगना सावित्री बाई फुले फेलोशिप सम्मान, दिल्ली
८)भारत रत्न अटल बिहार वाजपेयी नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, दिल्ली
९)स्टार मिलेनियम अवार्ड,दिल्ली

१०) कवयित्री श्री सम्मान,भागलपुर
११) इंडियन वीमेन स्टार राइजिंग अवार्ड 2021,एशियन लिटरेरी सोसाइटी द्वारा
१२) वीमेन विक्ट्री अवार्ड 2021,एसोसिएशन जी न्यूज नेटवर्क
१३)इंटरनेशनल वीमेन प्राइड अवार्ड 2021
१४) नेपाल भारत महोत्सव के लिए चुना जाना 2021
१५) वीमेन इंट्रप्रेनेर अवार्ड 2021,वेक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स।

१६) प्राइड वीमेन ऑफ इंडिया अवार्ड,आगमन समूह द्वारा लखनऊ में

१७) विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा नीरज काव्य शिखर सम्मान

१८) तिलकामांझी राष्ट्रीय सम्मान,2020,भागलपुर

१९)"FSIA " द्वारा द रियल वीमेन 2020 अवार्ड

२०) विश्व लेखिका मंच द्वारा नीरज काव्य सम्मान,नैनीताल में


२१) अमृता प्रीतम सम्मान।


एक विशेष मेरी उपलब्धि...... मेरी काव्य संकलन "भीड़ के चेहरे" राष्ट्रपति सचिवालय के पुस्तकालय में स्थान पा चुकी है।




कुछ बातें अपने बारे में विस्तार से बताना चाहूँगी मैं यानी राधा शैलेन्द्र.........


अपनी लेखनी से समाज के हर पहलू पर लिखने वाली शख्सियत "राधा शैलेन्द्र"
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भागलपुर की चर्चित कवयित्री राधा शैलेन्द्र ने एक बार फिर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है।उन्हें तिलकामांझी राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
ये भागलपुर के लिये गर्व की बात है 23 वर्षों से साहित्य साधना में जुटी राधा शैलेन्द्र ने अपनी लेखनी के बल पर राष्ट्रीय स्तर पर भागलपुर को गौरवान्वित किया है।

उनका चयन हाल ही में विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा संचालित महाकवि गोपाल दास नीरज की स्मृति में आयोजित होनेवाले"नीरज स्मृति उत्तराखंड काव्य महोत्सव"में शीर्ष सम्मान" नीरज काव्य शिखर सम्मान के लिए किया गया है।ये सम्मान राधा शैलेन्द्र को नैनीताल में दिया जायेगा।
राधा शैलेन्द्र ने भागलपुर में हुए एसिड अटैक पर भी काफी कुछ लिखा और उसके प्रति अपना विरोध भी प्रकट किया। राधा की लेखनी सोच को एक नई दिशा प्रदान करती है।
गौरतलब बात है कि भागलपुर की इस बहुचर्चित कवयित्री इससे पहले भी कई सम्मान से सम्मानित हो चुकी है ।उनकी किताब "भीड़ के चेहरे" न सिर्फ राष्ट्रपति पुस्तकालय में रखी जा चुकी है,बल्कि उन्हें "शताब्दी सम्मान,डॉक्टर अम्बेडकर अवार्ड,वीरांगना सावित्री बाई
फुले फेलोशिप अवार्ड,सुमन चतुर्वेदी राष्ट्रीय सम्मान,श्रेस्ठ साहित्य सम्मान,अंगभूषण सम्मान,कवयित्री श्री सम्मान,महादेवी वर्मा राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान,साहित्य भारती सम्मान,अमृता प्रीतम कवयित्री सम्मान,भगवान बुद्ध नेशनल अवार्ड आदि बहुत से सम्मान मिल चुके है।
हाल ही में उन्हें भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी नेशनल एक्ससीलेंस अवार्ड,स्टार मिलेनियम अवार्ड,बैतूल में भी सम्मानित किया जा चुका है।
उन्होंने वार्ता के दौरान बताया कि समाज मे घटने वाली हर घटना उनके मन मस्तिष्क को झकझोड़ देती है।उनकी लेखनी का विषय हमेशा से संवेदनात्मक रहा है। उनकी कविताओं में भावात्मक पहलू ज्यादा रहते है।स्वभाव से अत्यंत भावुक राधा शैलेन्द्र ने आगे भी अपनी लेखनी के जरिये अपने योगदान को बनाये रखने की बात की है।

"हर दर्द को खुद में समेट कर लिखने वाली शख्सियत
हैं राधा शैलेन्द्र" उन्होंने छोटी उम्र से ही समाज को आइना दिखाने का काम किया है।
"कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों" ये पंक्तियां चरितार्थ कर रही है राधा शैलेन्द्र!छोटी सी उम्र में जीवन की कड़वी सच्चाईयों को करीब से देखने वाली
साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान बनाने वाली राधा शैलेन्द्र नारी सशक्तिकरण की परिचायक है।
महज 14 वर्ष की उम्र में उनकी पहली पुस्तक आइना प्रकाशित हुई थी ,जिसे पढ़कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी लेखनी की भरपूर सराहना की थी। कहते है एक कवि ही दूसरे कवि की असली प्रतिभा की सराहना करता है, श्री अटल बिहारी वाजपेयी राधा की लेखनी से इतने प्रभावित थे कि वो जबतक जीवित रहे 23 वर्षो तक दोनों के बीच खतों का प्यारा रिश्ता बना रहा।
पूर्व वाणिज्यकर आयुक्त स्व. पारसनाथ सिंह की बेटी और भागलपुर के डॉक्टर की पुत्रवधू राधा की शादी 18 मई 1997को भागलपुर के बिजनेसमैन शैलेन्द्र से हुई।साहित्य और व्यापार दो अलग विधाएं है।लेकिन पति के स्नेह और विश्वास ने उनके क़लम को रुकने नही दिया। 1999 में उनकी दूसरी पुस्तक प्रकाशित हुई भीड़ के चेहरे, जिसका लोकार्पण पटना के विद्यापति भवन में त्रिपुरा के राज्यपाल श्री सिधेश्वर प्रसाद के हाथों हुआ था। उन्होंने उस पुस्तक की सरहाना करते हुए राधा को खत लिखा कि "आपकी लेखनी हिंदी और ऊर्दू का संधि स्थल है जो अहम है,मैं आपकी प्रखर लेखनी की सराहना करता हूँ।"
नई लेखनी और प्रखर योग्यता इस पुस्तक को तत्कालीन राष्ट्रपति श्री के .आर . नारायण के राष्ट्रपति सचिवालय के पुस्तकालय में स्थान दिलवाया। ये वो सम्मान था जिसने 22 साल की लड़की के लिखने के हौसले को पर दे दिया। राधा को भीड़ के चेहरे के लिए क्रमश: सहस्त्राब्दी महादेवी वर्मा राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान, अंगभूषण सम्मान,वीरांगना सावित्री बाई फुले फ़ेलोशिप अवार्ड,नई दिल्ली,भोपाल में श्रेस्ट साहित्य साधना सम्मान,कवित्री श्री सम्मान आदि से नवाजा जा चुका है।वे समाजसेवा में भी आगे रहती है।

राधा बताती है किउन्हें साहित्य के लिए प्रेरणा अपने पिता से मिली है जो अब इस दुनिया में तो नही है लेकिन उनकी दी हुई सीख आज भी साथ है। राधा अपने पिता से बेइंतहा प्यार करती थी और 24 वर्ष की छोटी उम्र में उसने अपने पिता को खो दिया तो अपनी सारी संवेदना उसने अपनी काव्य -संग्रह "फिर भी" में रख पिता को अपनी श्रद्धाजंलि दी हैं। राधा की तीसरी किताब " फिर भी" का विमोचन बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति श्री जाबिर हुसैन के हाथों हुआ।इस काव्य -संकलन लिए राधा को डॉ अम्बेडकर फेलोशिप अवार्ड,दिल्ली ,सुमन चतुर्वेदी राष्ट्रीय सम्मान ,भोपाल द्वारा मिल चुका है!
इनकी रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी
भागलपुर से होता रहता है।इनका कहना है " आज के इस भौतिकवादी युग ऐसा कोई बाजार नहीं जहां आपकी भावनाओं की कद्र हो।इसलिए अपनी बेहतरी के लिए हमें खुद मेहनत करके अपने आप को सम्मानित बनाना होगा।अपनी योग्यता को आगे लाईये सफलता अवश्य मिलेगी।आपकी योग्यता की बुनियाद मजबूत होगी तो हर सफर आसान बन जायेगाजिंदगी आपके सही कदम में हमेशा हमसफर बनकर साथ देती है बस आत्मविश्वास की डोर कभी कमजोर न होने दे।"
हाल ही में राधा को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड,स्टार मिलेनियम अवार्ड,भगवान बुद्ध नेशनल अवार्ड,मैसूर,साहित्य शिरोमणि अवार्ड,अमृता प्रीतम अवार्ड,अखिल भारतीय मेधावी सृजन अवार्ड 2020 मिल चुका है।इसके साथ ही जयपुर में इन्हें"वीमेंस नेशनल अवार्ड"और हरियाणा करनाल में" इंटरनेशनल प्राइड वीमेंस अवार्ड" भी दिया गया है।
सिर्फ यही पर उनकी साहित्यिक यात्रा खत्म नहीं होती।अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन ने राधा को " शताब्दी सम्मान" से सम्मानित किया जो केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने उन्हें अपने हाथों से दिया।राधा अपनी सारी उपलब्धियों का श्रेय अपने माता-पिता और पति शैलेन्द्र को देते हुए कहती है कि "इनलोगो के प्यार और आशिर्वाद ने मुझे ये मुकाम दिलायाहैं।मेरे बच्चे आदित्य हर्षित और हर्षिता मेरी हिम्मत है।इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसके अपने होते है आपकी खुशी तब और बढ़ जाती है जब उनका प्यार और स्नेह उसमें शामिल हो।
हाल ही में राधा को "तिलकामांझी राष्ट्रीय सम्मान" से सम्मानित किया गया।
अपनी समाजसेवा से भी राधा गरीब और जरूरत मंद लोगो की मदत करती है,इसलिए कोरोना काल में भी
मानवधिकार टुडे ने उन्हें" कोरोना वारियर्स उपाधि " से सम्मानित किया।राधा की रचनायें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है।
हाल ही में राधा को दिल्ली में "वेदजीला एक्सीलेंस अवार्ड "से नवाजा गया है। राधा की उपलब्धि यहीं खत्म नहीं होती उन्हें "प्राइड ऑफ ग्लोबल अवार्ड" से भी सम्मानित किया गया है।
साहित्य सेवा की ये सारी उपलब्धि उनकी कर्मठता और साहित्य सृजन को दर्शाती है।अभी तत्काल उन्हें "वीमेन विक्ट्री अवार्ड 'से सम्मानित किया गया है।
हाल ही में इन्हें लायंस क्लब ने भी सम्मानित किया है।
राधा की कविताएं उनकी संवेदना की प्रतिमूर्ती है,वो नारी के तकलीफ पर लिखती है,एसिड अटैक के जले हुए रूहानी दर्द पर लिखती है,माँ के खोने के गम को स्याही में डूबोकर लिखती है,दहेज की आग को महसूस करके लिखती है बस हर दर्द को खुद में समेट कर लिखती है।
उनकी एक रचना "रिश्तों की परछाईयां" में एक नारी के सारे रिश्ते को बड़ी शिद्दत से लिखा गया

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